Friday, April 26, 2019

किताबें कुछ कहना चाहती हैं.. ...
किताबें करती हैं बातें
बीते जमानों की,
दुनिया की, इंसानों की,
आज की, कल की,
एक-एक पल की, गमों की,
फूलों की, बमों की, गनों की,
जीत की, हार की,
प्यार की, मार की।
क्या तुम नहीं सुनोगे
इन किताबों की बातें ?
किताबें कुछ कहना चाहती हैं
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं
किताबों में चिड़िया चहचहाती हैं
किताबों में झरने गुनगुनाते हैं
परियों के किस्से सुनाते हैं
किताबों में रॉकेट का राज है
किताबों में साईंस की आवाज है
किताबों में ज्ञान की भरमार है
क्या तुम इस संसार में नहीं जाना चाहोगे?
किताबें कुछ कहना चाहती हैं..
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं।
किताबें कुछ कहना चाहती हैं..
किताबें करती हैं बातें
बीते जमानों की,
दुनिया की, इंसानों की,
आज की, कल की, एक-एक पल की,
गमों की, फूलों की, बमों की, गनों की,
जीत की, हार की, प्यार की, मार की।
क्या तुम नहीं सुनोगे इन किताबों की बातें ?
किताबें कुछ कहना चाहती हैं
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं
किताबों में चिड़िया चहचहाती हैं
किताबों में झरने गुनगुनाते हैं
परियों के किस्से सुनाते हैं
किताबों में रॉकेट का राज है
किताबों में साईंस की आवाज है
किताबों में ज्ञान की भरमार है
क्या तुम इस संसार में नहीं जाना चाहोगे?
किताबें कुछ कहना चाहती हैं..
तुम्हारे पास रहना चाहती हैं।
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సఫ్దర్‌ హష్మీ కవిత కితాబేఁ కుచ్‌ కహనా చాహతీ హైఁ.... కి స్వేచ్ఛానుసరణ - కవిసంగమం ఆర్చివ్‌స్ నుండి.

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